भारत एवं उत्तराखंड सरकार के इंडस्ट्रियल स्मार्ट सिटी का मूल स्वरुप विकसित होगा, गंगा की धरती हरिद्वार में: पंकज शांडिल्य*
***रतनपुर के ग्राम प्रधान ने गांव में उद्योग स्थापित करने में सहयोग का महानिदेशक उद्योग को लिखित में दिया आश्वासन
हरिद्वार। बाइटवेव इंडस्ट्रियल स्मार्ट सिटी के महाप्रबंधक पंकज शांडिल्य ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की ओर से इंडस्ट्रियल स्मार्ट सिटी विकसित करने के लिए गंगा की धरती हरिद्वार को चुना गया है।
इसके लिए इस परियोजना में उन सभी इंफ्रास्ट्रक्चर को जगह दी गयी है, जों निवेशकों को उत्तराखंड में लाने के लिए आवश्यक है। उन्होंने कहा कि 1831 एकड़ के प्रस्तावित भूमि पर स्थापित की जा रही बाइटवेव इंडस्ट्रियल स्मार्ट सिटी के प्रथम चरण में 100 एकड़ भूमि रूड़की बाईपास रोड पर डण्ढेड़ी एवं खटकी गांव में ली गयी है। वहीं दूसरे चरण के 1731 एकड़ मिर्जापुर मुस्तफाबाद, खटका-अहतमाल, उल्हेड़ी, भैसा-हेड़ी, सुन्धारी एवं जौरासी गांव में ली जा रही है।
प्रेस को जारी बयान में महाप्रबंधक पंकज शांडिल्य ने कहा कि हरिद्वार से सटे हरियाणा, पंजाब , हिमाचल, उत्तरप्रदेश एवं दिल्ली कृषि एवं खाद्य उद्योग से जुड़े इंजिनियरिंग एवं टेक्नोलॉजी उद्योगों का हब है, लेकिन असंगठित होने के कारण इनके उत्पाद देशी विदेशी बाजारों तक पहुंचने में असमर्थ है। इसके मद्देनजर उक्त उद्योग से जुड़े देशी विदेशी निर्माता एवं ग्राहक को एक छत के नीचे लाने हेतु बाइटवेव इंडस्ट्रियल स्मार्ट सिटी ऑफ़ एग्रीकल्चर एंड फ़ूड इंडस्ट्रीज -(BISCAF) को स्थापित की जा रही है।
*1831 एकड़ भूमि पर स्थापित की जा रही BISCAF में*
252 एकड़ भूमि मिक्स इंडस्ट्री को जगह दी गयी है। वहीं, 552.80 एकड़ भूमि कृषि एवं खाद्य उद्योग के इंडस्ट्रियल पार्क को, 38 एकड़ कृषि एवं खाद्य उद्योग के अंतराष्ट्रीय होलसेल फैक्ट्री मार्केट को,
366.2 एकड़ भूस्वामियों को पलायन से बचाने के लिए कमर्शियल परियोजना को,
182 एकड़ वेलनेस, सीनियर्स एवं रिवर फ्रंट हाउसिंग प्रोजेक्ट के लिए
320 एकड़ में फैला रतमऊ एवं सोलानी नदी के जलभराव क्षेत्र को जल एवं सांस्कृतिक पर्यटन समेत नदी के ऊपरी भाग को 100 मेगावाट सोलर ऊर्जा प्राप्त करने के लिए , 120 एकड़ ग्लोबल टॉप 5 स्टैंडर्ड हॉस्पिटल/शिक्षण संस्थान/एग्रीकल्चर कॉलेज समेत कृषि एवं खाद्य उधोग का आधुनिक रिसर्च एवं डेवलपमेंट सेंटर के लिए जगह दी गयी है। महाप्रबंधक पंकज शांडिल्य ने कहा कि वर्ष 2027 के भीतर, सड़क/सीवरेज/पॉवरग्रिड एवं पानी जैसे संसाधन तैयार करते हुए, औद्योगिक एवं प्रस्तावित कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा। गौरतलब है कि द्वितीय चरण की भू-अर्जन के सिलसिले में मंगलवार को ग्राम पंचायत रतनपुर के ग्रामप्रधान मोहम्मद मीर आज़म द्वारा ग्रामसभा के मीटिंग आयोजित की गयी।ग्राम प्रधान मीर आज़म बड़े गर्मजोशी के साथ ग्राम सभा के माध्यम से “महानिदेशक उद्योग, उद्योग निदेशालय उत्तराखंड सरकार” को लिखित प्रस्ताव द्वारा परियोजना स्थापना के लिए हर सम्भव मदद की घोषणा पत्र महाप्रबन्धक पंकज को सौंपा। इस
परियोजना के चिन्हित ग्राम पंचायत के ग्राम प्रधान विकास सैनी,chairman safdar ali, ग्राम प्रधान शौकीन एवं ग्राम प्रधान संगीता के प्रतिनिधि मोहम्मद साहिब मीटिंग में उपस्थित होकर भूस्वामियों को सिडकुल हरिद्वार के तरह इस क्षेत्र को विकसित करने में खुले मन आगे आने को आह्वान किया।