हरिद्वार। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से विश्व वरिष्ठ नागरिक दिवस के अवसर पर वानप्रस्थ आश्रम ज्वालापुर में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। गुरुवार को राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के आदेश पर जिला जज एवं विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष नरेंद्र दत्त के निर्देश पर आयोजित शिविर में बोलते हुए प्राधिकरण की सचिव सिमरनजीत कौर ने वरिष्ठ नागरिको के लाभार्थ कानून, नियम एवं योजनाओं से अवगत कराया गया। उन्होंने बताया कि वरिष्ठ नागरिकों को भारत के सविंधान के अनुच्छेद 21 में जीवन एवं स्वतंत्रता का अधिकार तथा अनुच्छेद 41 के तहत नागरीक बुढापें या अन्य अभाव की दशाओं के लिए लोक सहायता पाने का अधिकारी है । कोई भी वरिष्ठ नागरिक जो अपना भरण पोषण करने में असमर्थ हो वह अपने व्यस्क संतान से भरण पोषण प्राप्त कर सकता है। उपजिलाधिकारी ऐसे वरिष्ठ नागरिक या माता पिता को उनकी संतानोध्वारिसों से 10,000 रूपये मासिक तक भरण पोषण दिला सकते हैं। यदि वरिष्ठ नागरिक 60 वर्ष पूर्ण करने से पूर्व असंगठित क्षेत्र के श्रमिक के रूप में उत्तराखंड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के तहत पंजीकृत है, तो ऐसे व्यक्ति को 60 वर्ष की आय के पश्चात 1000 रूपए प्रति माह पेंशन का प्रावधान है तथा आयु 65 वर्ष होने पर उक्त पेंशन की धनराशि रू0 1500 हो जाएगी। ऐसे पेंशन भोगी की मृत्यु होने पर उनके उत्तरजीवी पति या पत्नि को 500 रुपए प्रति माह छमाही आधार पर परिवारिक पेंशन श्रम विभाग से मिलेगी । इसी के साथ समाज कल्याण अधिकारी ने अपने विभाग द्वारा संचालित योजनाओ से अवगत कराया।