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हरिद्वार। नियोजित एवं सुव्यवस्थित समाज के निर्माण मे शिक्षक मुख्य शिल्पकार होता है। देश के भावी अध्यापकों का निर्माण करने के लिए युवा पीढी मे इन गुणों का रोपण अनुभवी शिक्षक द्वारा बेहतर ढंग से रोपण किया जा सकता है। जिसमे लीडरशिप एक सशक्त माध्यम है। गुरुकुल कांगडी समविश्वविद्यालय, हरिद्वार के शारीरिक शिक्षा एवं खेल विभाग मे अध्ययनरत प्रशिक्षु बी0पी0एड0 अंतिम वर्ष के छात्रों का 3 दिवसीय लीडरशिप कैम्प 20 मार्च से 22 मार्च तक तपोवन, ऋषिकेश मे आयोजित किया गया। लीडरशिप कैम्प मे प्रशिक्षु छात्रों एवं शिक्षकों सहित 40 लोग इस कैम्प मे सम्मिलित है। लीडरशिप कैम्प के दल को संकायाध्यक्ष प्रो0 सुरेन्द्र कुमार त्यागी ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। अपने सम्बोधन मे प्रो0 त्यागी ने कहॉ कि लीडरशिप जीवन के उतार-चढाव मे संयमित एवं अनुशासित बनने की कुशलता का विकास करता है। संयमित व्यवहार के लिए व्यक्तित्व का समायोजित रहना लीडरशिप द्वारा प्रगाढ होता है। प्रभारी, शारीरिक शिक्षा एवं खेल डॉ0 अजय मलिक ने लीडरशिप से आत्म-निर्भर बनने की शक्ति का विकास होता है। एसोसिएट प्रोफेसर डॉ0 शिवकुमार चौहान ने कहॉ कि एक महान नेतृत्वशील अथवा लीडर बनने की खासियत विनम्र रहना, खुद की सफलता तलाश नही करना बल्कि व्यक्तिगत सफलता के स्थान पर संगठन की सफलता को मूलमंत्र मानना तथा असफलता के लिए स्वयं को दोषी मानना जैसे गुणों मे निपुण बनने से है। कैम्प संयोजक डॉ0 कपिल मिश्रा के निर्देशन मे चलने वाले लीडरशिप कैम्प मे छात्र विशेषज्ञों से संवाद, टेªकिंग, टेªजर हन्ट, प्राकृतिक रमणीय स्थलों का भ्रमण, कैम्प फायर, रंगारंग कार्यक्रम आदि के माध्यम से व्यक्तित्व विकास के गुणों को तराशने का प्रयास करेगे। दल के परिसर से रवाना होने पर डॉ0 अनुज कुमार, सुनील कुमार, दुष्यन्त राणा, अश्वनी कुमार, सुरेन्द्र सिंह, कुलदीप आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ0 शिवकुमार चौहान द्वारा किया गया।

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