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हरिद्वार। गुरूकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय के जन्तु एवं पर्यावरण विज्ञान विभाग के सभागार में स्वच्छता पखवाड़ा के अन्तर्गत कचरा मुक्त भारत विषय पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन राष्ट्रीय जलविज्ञान संस्थान रूड़की द्वारा किया गया। इस अवसर पर उपस्थित एन0सी0सी0 केडेट्स को सम्बोधित करते हुए कुलपति प्रो0 सोमदेव शंताशु ने कहा कि भारतीय संस्कृति प्रकृति को माता के रूप में मानकर उसकी पूजा करती है। वर्तमान विकासवादी दौड़ प्रकृति का दौहन करने में विकास रखती है। ऐसे में वर्तमान में इस बात की आवश्यकता है कि हमें बढ़ते प्रदूषण से बचने के लिए भारतीय संस्कृति व संस्कारों को आत्मसात करते हुए अपने आस पास के वातावरण को स्वच्छ बनाने के लिए आगे आकर कार्य करना चाहिए। इसके लिए हम सभी को अपने आस पास के क्षेत्रों को स्वच्छ रखने की दिशा में कार्य करना चाहिए साथ ही फल दार वृक्ष लगाकर प्राकृतिक संतुलन को बनाने की दिशा में पहल करनी चाहिए जिससे की हम अपनी आनेवाली पीढ़ी को स्वच्छ प्राकृतिक वातावरण सौंप सकें वेदों में प्राकृतिक संतुलन हेतु समुचित ज्ञान समाहित है। इस दिशा में बढ़ने के लिए हमें वेदों में समाहित ज्ञान का अध्ययन करना चाहिए।
इस अवसर पर राष्ट्रीय जलविज्ञान संस्थान रूड़की के वरिष्ठ वैज्ञानिक व स्वच्छ भारत मिशन के नोडल अधिकारी डॉ0 एल.एन. ठकराल ने कहा कि बढ़ता प्रदूषण मानव के लिए एक बड़ी चुनौती के रूप में हमारे सामने है। इससे निजात दिलाने के लिए केन्द्र सरकार नंे 2014 से मिशन स्वच्छ भारत की शुरूआत की यह मिशन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को सर्मपित है जिसके चलते बहुत हद तक हम प्रदूषण पर नियंत्रण पाने में सफल हो रहे है। इस दिशा में कार्य करने के लिए विशेष रूप से महिलाओं को योगदान महत्वपूर्ण है। घर में माता को बच्चों का प्रथम गुरू माना जाता है। माताऐं ही बच्चों में अच्छे संस्कार पल्लवित करने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाहन करती है। देश में आज बहुत सी संस्थाऐं कार्य कर रही है उन सभी को एक मंच पर लाने की आवश्कता है।
विभाग के संकायाध्यक्ष व विभागाध्यक्ष प्रो0 डी0एस0 मलिक ने कहा कि वह इस आयोजन के लिए डॉ0 एल.एन. ठकराल की टीम को शुभकामनाएंें देते है कि उन्होंने समविश्वविद्यालय में आकार बच्चों को जागरूक करने का कार्य किया उन्होंने उपस्थित एन.सी.सी केडेट्स से आवाहन किया कि वह सभी अपने अपने क्षेत्रों में स्वच्छता जागरूकता अभियान के अग्रज व रोल मॉडल बनकर क्षेत्र की जनता के लिए प्रेरणा का स़्त्रोत बनने का कार्य कर उन्हे जागरूक करें। उन्होंने कहा कि विकासवादी सभ्यता का निर्माण नदियों के किनारे हुआ है मानव जीवन में जल का अमूल्य योगदान है ऐसे में हमें जल संरक्षण की दिशा में कार्य करते हुए अपने आसपास के क्षेत्र को स्वच्छ रखने के लिए आगे आकार कार्य करना होगा उन्होंने सुन्दर लाल बहुगुणा, राजेन्द्र सिह जलपुरूष, जगत सिंह जंगली, डॉ0 ए0पी0 जोशी, सुनीता नारायण जैसे इस क्षेत्र में अग्रणीय कार्य करने वाले मनीषियों के योगदान से केडेट्स को अवगत कराते हुए केडेट्स से आगे आकर समाज को जागरूक करने का आवाहन किया। उन्होंने कहा कि समविश्वविद्यालय में स्थापित ईको क्लब द्वारा छात्रों व समाज के अन्य लोगों को जागरूक करने की दिशा में कार्य किया जा रहा है।
एन0सी0सी0 प्रभारी डॉ0 राकेश भूटयानी ने कहा कि जागरूकता कार्यक्रम में बडी संख्या में एन0सी0सी0 केडेट्स ने प्रतिभाग किया इस अवसर पर समविश्वविद्यालय प्रांगण में वृक्षारोपण भी किया गया। इस अवसर पर एन0सी0सी0 केडेट्स व उपस्थित शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को पर्यावरण संरक्षण व स्वच्छता जागरूकता की शपथ दिलाई गई। कार्यक्रम को राष्ट्रीय जलविज्ञान संस्थान रूड़की के वैज्ञानिक इंजीनियर हर्ष उपाध्याय ने भी अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम का संचालन प्रो0 नमिता जोशी ने किया। कार्यक्रम में डॉ0 सगीता मदान, ओम प्रकाश, पंकज चौहान सहित विभिन्न शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारी व छात्र उपस्थित रहे।

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