देहरादून: चार साल बाद फिर गुलजार होगा ‘आशियाना’, महामहीम द्रौपदी मुर्मू करेंगी शिरकत, जानें इसका इतिहास
देहरादून: उत्तराखंड देहरादून की वादियों में बसे महामहीम राष्ट्रपति का ठिकाना आशियाना के नाम से जाना जाता है. अब यहां चार साल बाद दोबारा रौनक नजर आएगी. देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आज से उत्तराखंड के दो दिवसीय यात्रा पर निकली हैं. इस दौरान राष्ट्रपति दो दिनों तक आशियाना में ठहर कर विश्राम करेंगी. चार साल बाद यह मौका फिर आया है, जब देश के सम्मानीय राष्ट्रपति यहां शिरकत करेंगे.
जानें आशियाना का इतिहास
- देहरादून की वादियों में बसे इस आशियाना का इतिहास काफी पुराना है. इसकी शुरुआत सन् 1920 से होती है, जब यहां वायसराय के अंगरक्षकों के घोड़ो के लिए एक शिविर स्थापित किया गया था.
- इसके बाद 1938 में यहां पर कमांडेंड के बंगले का निर्माण कराया गया, लेकिन कमांडेंड बंगला हमेशा उपेक्षित ही रहा.
- सन् 1975-76 में तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने अपने ग्रीष्मकालीन प्रवास में शिमला न जा कर देहरादून रहने की व्यवस्था बनवाई. तब बॉडीगार्ड नामक इस स्थान को राष्ट्रपति आशियाना के रूप में तैयार किया गया.
- सन् 1998 में कुछ दिनों तक यहां तत्कालीन राष्ट्रपति के आर नारायणन रहने आए.
- 2016 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी भी यहां ठहरने आ चुके हैं. उन्होंने यहां राष्ट्रपति सचिवालय के बाहर भवनों का शिलान्यास भी किया था.
- 2018 में तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी यहां प्रवास कर चुकें हैं.
- अब चार साल बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देहरादून में आकर आशियाना की शान में चार चांद लगाए हैं.
आपकों बता दें कि राष्ट्रपति अपने दो दिवसीय दौरे के अनुसार आज यानी आठ दिसंबर को देहरादून में उत्तराखंड सरकार की ओर से आयोजित किए गए नागरिक अभिनंदन समारोह में शामिल होंगी. इस मौके पर वह ऊर्जा, शिक्षा, सड़क, परिवहन और शहरी विकास से जुड़ी उत्तराखंड की कई परियोजनाओं का वर्जुअल उद्घाटन और शिलान्यास करेंगी.
इसके बाद नौ दिसंबर को राष्ट्रपति लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी और मसूरी में 97वें कॉमन फाउंडेशन कोर्स के समापन समारोह को संबोधित करेंगी. इसके अलावा वह दून विश्वविद्यालय के वार्षिक दीक्षांत समारोह में भी सम्मलित होंगी.
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